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क्या आप सफल होने को तैयार है ?

दोस्तों हम सब अपनी जिंदगी में सफल होना चाहते है कोई कैरियर में, कोई व्यवसाय में, कोई जिन्दगी की जद्दोजहद में लेकिन क्या आपने सोचा है की आखिर कौन सी ऐसी बातें या आदतें या विचार होंगे जो आपको सफल बनायेंगे ?

आइये आज सफलता के ऐसे ही मानकों को जानते है जो आपको सफल बनायेंगे !
# आत्म मूल्यांकन करें : जब आप अपनी बाइक / गाडी से कहीं जाते है तो सबसे पहले उसे अच्छी तरह जांचते है की कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है, सारे पार्ट्स ठीक से काम कर रहे है न आदि आदि । वैसे ही आपकी सफलता की राह में आपकी सारी आंतरिक शक्तियों का ठीक से से काम करना भी जरुरी है ।
आपने अनुभव किया होगा की सुबह से शाम तक हमारे मन में अनेकों विचार जैसे गुस्सा, चिंता, परेशानी, दोस्त व दूसरों के व्यवहार, अचानक की विपरीत परिस्थिति, शारीरिक कष्ट, परिवार का तनाव आदि आते है जो कई बार नकारात्मक प्रभाव डालते है । इस प्रभाव में आने से आपके जोश, कार्यक्षमता, लगनशीलता, लक्ष्य के प्रति समर्पण में कमी आ जाती है । इसलिए प्रतिदिन कम से कम 10 मिनिट खुद को इस कसौटी में परखें कि क्या सही-गलत हुआ और अब क्या बेहतर करना है ।
ध्यान रहे तमाम समस्यायों के बाद भी आपको सिर्फ समाधान की तरफ ही बढ़ाना है यही आपकी सफलता की पहली सीढ़ी होगी । कहते है न -
मंजिल तो मिल ही जायेगी, भटके हुए मुसाफिर को,
गुमराह तो वो है, जो घर से निकले ही नहीं ।।

# अपना व्यक्तित्व स्वयं गढ़ें : याद रखो आपके सार्थक प्रयासों के अलावा, दुनिया का कोई भी इंस्टिट्यूट आपका व्यक्तित्व नहीं बना सकता । अर्जुन की तरह लक्ष्य भेदना है तो अपने साधन (सकारात्मक विचार / अध्ययन सामग्री), एकाग्रता, आत्म-नियंत्रण और साध्य (जिस लक्ष्य को पाना चाहते है) पर ध्यान देना होगा । आपकी सफलता के लिए बाधक (नकारात्मकता) और साधक (सकारात्मकता) कारकों को पहचानकर नियमित सुधार करते रहना होगा । कुछ आदतों को बदलते हुए अपने व्यव्क्तित्व को निखारने में प्रयासरत रहें ।
सफलता के बाधक (इन्हें घटाना है) : डर, नफरत, घमंड, क्रोध, ईर्ष्या, लालच, निराशा व हिंसा
सफलता के साधक (इन्हें बढ़ाना है) : प्रेम, अपनापन, मददगार, परस्पर सम्मान, सीखने की इच्छाशक्ति, समर्पण व संवेदनशीलता

# अच्छी दिनचर्या से शुरुआत करें :  सोचो यदि रेलवे की ट्रेनें बिना टाइम टेबल चले, आपकी स्कूल-कालेजों की परीक्षाएं बिना निर्धारित योजना व कार्यक्रम से होने लगे तो कैसा माहौल बनेगा ? अव्यवस्था फ़ैल जायेगी न ? बस कुछ ऐसी ही अव्यवस्था अनजाने में बहुत से लोगों के जीवन में चल रही है शायद उसमे आप भी शामिल हों !
अपने लक्ष्य (करियर अथवा जीवन) को ध्यान में रखकर एक वृहद कार्ययोजना (कब, कैसे और किस साधन) बनायें, फिर उसी के अनुसार अपने कार्य निर्धारित करें ।
अपनी योजना को अमल में लाने के लिए दैनिक कार्यों का टाइम टेबल बनाना चाहिए और रोज के टास्क को नियमित रूप से पूरा करें ।
सुबह की शुरुआत खुशनुमा व प्रेरणादायी होनी चाहिए यह आपको दिनभर सेल्फ-मोटिवेट करेगा । अतः कोई प्रेरक किताब पढ़ें, ऑडियो/विडियो लेक्चर सुनें अथवा किसी पॉजिटिव थॉट्स का वालपेपर मोबाइल स्क्रीन में लगा लें ।
अपने दैनिक लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करें, शॉर्टकट के चक्कर में न आये । अपने टारगेट और अचीवमेंट को हर शाम जाँचें ।

# लक्ष्य पर हमेशा नजर रखें : अक्सर ऐसा होता है की योजना भी बन गई और कुछ दिन आगे भी बढ़े लेकिन चौथे दिन तक सब बदल सा जाता है आखिर क्यों ? जिस तरह प्यास लगने पर जब तक पानी नहीं मिलता तब तक आपका शरीर चैन नहीं पाता ठीक वैसे ही आपको भी लक्ष्य को पाने की तड़प होनी चाहिए । आपका हर एक्शन-रिएक्शन आपके लक्ष्य की तरफ ही होना चाहिए । कुछ नया सीखें या पुराना कार्य करें इस बात का ध्यान रखें की यह आपके उद्देश्य से जुड़ा व सार्थक हो ।
सही दिशा में किया गया निरंतर प्रयास ही आपको सफल बनाने वाला है अब खुद ही सोचो सफल बनना है या फिर .......