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सफलता के प्राकृतिक नियम


निश्चित ध्येय :- लक्ष्य कागज में साफ साफ लिख लेना लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में पहला कदम है. क्योकि ऐसे आदमी के लिए कुछ भी असंभव नहीं है जिसे पता है की उसे क्या चाहिए और जिसने उस चीज़ को हासिल करने का मन बना लिया है.ध्येय निश्चित कर लेने के पश्चात् अपने मन को ध्येयप्राप्ति के पागलपन और ध्येय प्राप्ति के विश्वास से इस प्रकार भर ले की आप खुद को ध्येय प्राप्त अवस्था में देख सके.
माइकल एंजेलो नामक मूर्तिकार से जब पूछा गया कि आपने इतनी सुन्दर मूर्ति कैसे बनाई ?
तो शिल्पकार ने कहा, "कुछ नहीं मूर्ति पहले से पत्थर के अन्दर थी मैंने सिर्फ अनावश्यक भाग हटा दिया" l
आपको अपने ध्येय के प्रति इतना स्पष्ट होने कि जरुरत है कि उसका चित्र अपने दिमाग में और आँखों के सामने स्पष्ट दिखाई दे.

विचार शक्ति :- 
एक विद्यालय में अध्यापिका ने प्रयोग किया l 
अध्यापिका ने कक्षा में बताया कि वैज्ञानिक शोध के अनुसार "नीली आँखों वाले बच्चे भूरी आँखों वाले बच्चों से ज्यादा होशियार होते है और जल्दी सीखते है.
फिर उस अध्यापिका ने उस कक्षा को दो समूहों में बाँट दिया l एक समूह में नीली आँखों वाले बच्चों का था जो रिपोर्ट के अनुसार होशियार था और दूसरा समूह भूरी आँखों वाले अर्थात बुध्धू बच्चों का था l 
लगभग एक सप्ताह बाद भूरी आँखों वाले बच्चों के अध्ययन स्तर में स्पष्ट गिरावट दिखाई देने लगी और नीली आँखों वाले बच्चों का स्तर स्पष्ट रूप से बढ़ गया l
फिर एक सप्ताह पश्चात् अध्यापिका ने चौकाने वाली घोषणा कि -  उसने कहा "मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी मैंने वैज्ञानिक परीक्षण का निष्कर्ष तुम लोगों को एकदम उल्टा बता दिया था वास्तव में भूरी आँखों वाले बच्चे होशियार होते है और तेजी से विकास करते है.
फिर क्या था इस घोषणा के बाद भूरी आँखों वाले बच्चे आगे बढ़ गए और नीली आँखों वाले बच्चों के स्तर में गिरावट आने लगी.
निष्कर्षतः हम वही बनते है जो हम सोचते है l  इसलिए हमें जो हासिल करना है सिर्फ उसी में अपनी सोच, विचार और शक्ति केन्द्रित करें, जो नहीं चाहिए उस ओर ध्यान मत दीजिये.


अथक और अविरत रूप से अपनी संपूर्ण शारीरिक और मानसिक शक्ति एक स्थान पर केन्द्रित करना ही सफलता कि पहली शर्त है.
                                    " थामस एडिसन "


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